Thursday, August 17, 2017

भारत के लोग की जनसांख्यिकी

भारत चीन के बाद विश्व का दूसरा सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश है। भारत की विभिन्नताओं से भरी जनता में भाषाजाति और धर्म, सामाजिक और राजनीतिक सौहार्द्र और समरसता के मुख्य शत्रु हैं।
२०११ की भारतीय जनगणना के अनुसार भारत में ७४.०४ प्रतिशत साक्षरता है जिस में से +८०% पुरुष और ६हैं।[79]% स्त्रियाँ साक्षर हैं। लिंग अनुपात की दृष्टि से भारत में प्रत्येक १००० पुरुषों के पीछे मात्र ९४० महिलायें हैं। कार्य भागीदारी दर (कुल जनसंख्या मे कार्य करने वालों का भाग) ३९.१% है। पुरुषों के लिये यह दर ५१.७% और स्त्रियों के लिये २५.६% है। भारत की १००० जनसंख्या में २२.३२ जन्मों के साथ बढ़ती जनसंख्या के आधे लोग २२.६६ वर्ष से कम आयु के हैं।
भारत में धार्मिक समूह (२०११ की जनगणना)
धार्मिक समूहप्रतिशत
हिन्दू
  
79.80%
मुस्लिम
  
14.23%
ईसाई
  
2.30%
सिख
  
1.72%
बौद्ध
  
0.70%
जैन
  
0.37%
अन्य धर्मीय
  
0.66%
निधर्मी
  
0.24%

यद्यपि भारत की ७९.८० प्रतिशत या ९६.६२ करोड़ जनसंख्या हिन्दू है, १४.२३ प्रतिशत या १७.२२ करोड़ जनसंख्या के साथ भारत विश्व में मुसलमानों की संख्या में भी इंडोनेशिया और पाकिस्तान के बाद तीसरे स्थान पर है। अन्य धर्मावलम्बियों में ईसाई (२.३० % या २.७८ करोड़), सिख (१.७२ % या २.०८ करोड़), बौद्ध (०.७० % या ८४.४३ लाख), जैन (०.३७ % या ४४.५२ लाख), अन्य धर्म (०.६६ % या ७९.३८ लाख) इनमें यहूदीपारसीअहमदी और बहाई आदि धर्मीय हैं। निधर्मी ०.२४% या ३८.३७ लाख है।
भारत दो मुख्य भाषा-सूत्रों : आर्य और द्रविड़ भाषाओँ का स्रोत भी है। भारत का संविधान कुल २३ भाषाओं को मान्यता देता है। हिन्दी और अंग्रेजी केन्द्रीय सरकार द्वारा सरकारी कामकाज के लिये उपयोग की जाती हैं। संस्कृत और तमिल जैसी अति प्राचीन भाषाएं भारत में ही जन्मी हैं। संस्कृत, संसार की सर्वाधिक प्राचीन भाषाओँ में से एक है, जिसका विकास पथ्यास्वस्ति नाम की अति प्राचीन भाषा/ बोली से हुआ था। तमिल के अलावा सारी भारतीय भाषाएँ संस्कृत से ही विकसित हुई हैं, हालाँकि संस्कृत और तमिल में कई शब्द समान हैं ! कुल मिला कर भारत में १६५२ से भी अधिक भाषाएं एवं बोलियाँ बोली जातीं हैं।

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