भारत की सांस्कृतिक धरोहर बहुत संपन्न है। यहाँ की संस्कृति अनोखी है और वर्षों से इसके कई अवयव अब तक अक्षुण्य हैं। आक्रमणकारियों तथा प्रवासियों से विभिन्न चीजों को समेट कर यह एक मिश्रित संस्कृति बन गई है। आधुनिक भारत का समाज, भाषाएं, रीति-रिवाज इत्यादि इसका प्रमाण हैं। ताजमहलऔर अन्य उदाहरण, इस्लाम प्रभावित स्थापत्य कला के उत्कृष्ट नमूने हैं।
भारतीय समाज बहुधर्मिक, बहुभाषी तथा मिश्र-सांस्कृतिक है। पारंपरिक भारतीय पारिवारिक मूल्यों को काफी आदर की दृष्टि से देखा जाता है।
विभिन्न धर्मों के इस भूभाग पर कई मनभावन पर्व त्यौहार मनाए जाते हैं - दिवाली, होली, दशहरा. पोंगल तथा ओणम . ईद उल-फ़ित्र, ईद-उल-जुहा, मुहर्रम, क्रिसमस, ईस्टर आदि भी काफ़ी लोकप्रिय हैं।
हालाँकि हॉकी देश का राष्ट्रीय खेल है, क्रिकेट सबसे अधिक लोकप्रिय है। वर्तमान में फुटबॉल, हॉकीतथा टेनिस में भी बहुत भारतीयों की अभिरुचि है। देश की राष्ट्रीय क्रिकेट टीम 1983 और 2011 में दो बार विश्व कप और 2007 का 20-20 विश्व-कप जीत चुकी है। इसके अतिरिक्त वर्ष 2003 में वह विश्व कप के फाइनल तक पहुँची थी। 1930 तथा 40 के दशक में हॉकी भारत में अपने चरम पर थी। मेजर ध्यानचंद ने हॉकी में भारत को बहुत प्रसिद्धि दिलाई और एक समय भारत ने अमरीका को 24-0 से हराया था जो अब तक विश्व कीर्तिमान है। शतरंज के जनक देश भारत के खिलाड़ी विश्वनाथ आनंद ने अच्छा प्रदर्शन किया है।
भारत में संगीत तथा नृत्य की अपनी शैलियां भी विकसित हुईं, जो बहुत ही लोकप्रिय हैं। भरतनाट्यम, ओडिसी, कथक प्रसिद्ध भारतीय नृत्य शैली है। हिन्दुस्तानी संगीत तथा कर्नाटक संगीत भारतीय परंपरागत संगीत की दो मुख्य धाराएं हैं।
वैश्वीकरण के इस युग में शेष विश्व की तरह भारतीय समाज पर भी अंग्रेजी तथा यूरोपीय प्रभाव पड़ रहा है। बाहरी लोगों की खूबियों को अपनाने की भारतीय परंपरा का नया दौर कई भारतीयों की दृष्टि में उचित नहीं है। एक खुले समाज के जीवन का यत्न कर रहे लोगों को मध्यमवर्गीय तथा वरिष्ठ नागरिकों की उपेक्षा का शिकार होना पड़ता है। कुछ लोग इसे भारतीय पारंपरिक मूल्यों का हनन भी मानते हैं। विज्ञान तथा साहित्य में अधिक प्रगति न कर पाने की वजह से भारतीय समाज यूरोपीय लोगों पर निर्भर होता जा रहा है। ऐसे समय में लोग विदेशी अविष्कारों का भारत में प्रयोग अनुचित भी समझते हैं।
सिनेमा और टेलीविज़न
मुख्य लेख : भारतीय सिनेमा
भारतीय फिल्म उद्योग, दुनिया की सबसे ज्यादा देखी जाने वाली सिनेमा का उत्पादन करता है। इसके अलावा यहाँ असमिया, बंगाली, भोजपुरी, हिंदी, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, गुजराती, मराठी, ओडिया, तमिलऔर तेलुगू भाषाओं के क्षेत्रीय सिनेमाई परंपराएं भी मौजूद हैं। दक्षिण भारतीय सिनेमा का राष्ट्रीय फिल्म राजस्व में 75% से अधिक का हिस्सा है। भारत में सितंबर 2016 तक 2200 मल्टीप्लेक्स स्क्रीन सिनेमाघर थे तथा इसके 2019 तक 3000 तक बढ़ने की अपेक्षा की गई हैं।[80]
1959 में भारत में टेलीविजन का प्रसारण, राज्य संचालित संचार के माध्यम के रूप में शुरू हुआ, और अगले दो दशकों तक इसका धीमी गति से विस्तार हुआ। 1990 के दशक में टेलीविजन प्रसारण पर राज्य के एकाधिकार समाप्त हो गया, और तब से, उपग्रह चैनलों ने भारतीय समाज की लोकप्रिय संस्कृति को आकार दिया है। आज, भारत में टेलीविज़न मनोरंजन का सबसे प्रचलित माध्यम हैं, तथा इसकी पैठ समाज के हर वर्ग तक फैली हैं। उद्योग के अनुमान हैं कि भारत में 2012 तक 462 मिलियन उपग्रह या केबल कनेक्शन के साथ, कुल 554 मिलियन से अधिक टीवी उपभोक्ता हैं, मनोरंजन के अन्य साधनो में प्रेस मीडिया (350 मिलियन), रेडियो (156 मिलियन) तथा इंटरनेट (37 मिलियन) भी सम्मलित हैं
पाक-शैली (खानपान)
मुख्य लेख : भारतीय खाना
भारतीय खानपान बहुत ही समृद्ध है। शाकाहारी तथा मांसाहारी दोनों ही तरह का खाना पसन्द किया जाता है। भारतीय व्यंजन विदेशों में भी बहुत पसन्द किए जाते हैं।
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