Thursday, August 17, 2017

आखिर क्यों करते हैं हम ऐसा ?- 10 गलतियां जो IAS की तैयारी करने बाले व्यक्ति को कभी नही करनी चाहिये

नमस्कार दोस्तो , कैसे है आप सब ? उम्मीद है आप सभी मजे में होंगे !
दोस्तो गलतियां सभी इंसान करते है , लेकिन अगर हमें पहले से पता हो कि तैयारी के दौरान हमें क्या गलतियां नही करनी चाहिये तो शायद हम उन गलतियों को करने से बच सकते है जो आपकी तैयारी में बाधा डाल सकती है !
तो दोस्तो आज कि हमारी पोस्ट में आईएएस गुरु शरद सर आपको ऐसी ही गलतियां बताने जा रहे है जो हमें IAS की तैयारी के दौरान कभी नही करनी चाहिये ! तो चलिये दोस्तो शुरु करते है शरद सर के शब्दों में –
(1) आखिर क्यों हम एक किताब 10 बार पढ़ने की बजाय 10 तरह की किताबें पढ़ना ज्यादा पसंद करते हैं ! Ex . – सिविल सेवा की तैयारी करने वाला छात्र अपने घर को लाइब्रेरी बनाकर बैठ जाता है … सफलता बहुत सी किताबें पढ़ने से नहीं बल्कि एक किताब को बहुत बार पढ़ने से मिलती है !
(2) आखिर क्यों हम सीखने के समय में सीखने की बजाय सिखाना ज्यादा पसंद करते हैं ! Ex . – हर रोज प्रतियोगी छात्र फरमान जारी करते हैं …मैं आईएएस की तैयारी के लिए ग्रुप बना रहा हूँ ... अपना no .कमेंट बॉक्स में लिखिए ……” मेरे प्यारे भाई इस समय आपका एक एक सेकंड अमूल्य है …कृपया पहले आप बन जाइये फिर और ज्यादा ऊर्जा और संसाधनों के साथ आप सबकी मदद कर पाएंगे ” !

(3) आखिर क्यों हम एक ही मार्गदर्शक पर यकीन नहीं रख पाते हर रोज नए मार्गदर्शक की खोज में लगे रहते हैं …
सभी का अपना एक अलग तरीका होता है …और उस चक्कर में आपकी अपनी तैयारी कभी पटरी में आ ही नहीं पाती …हमेशा नयी शुरुआत करते रह जाते हैं !

(4) आखिर क्यों हमारे लिए अपनी जीत से ज्यादा दूसरे की हार मायने रखती है ! 
( Ex . – ” मैं तो कम से कम मुख्य परीक्षा तक पहुँच गया था उसको देखो वो तो प्रारंभिक परीक्षा भी नहीं पास कर पाया .””…और इसके साथ ही आप खुद को तसल्ली दे देते हो …पर आपको कौन सा मुख्य परीक्षा पास करने का प्रमाण पत्र मिल गया …ये भी बता दीजिये !

(5) आखिर क्यों हम सब सपने तो हमेशा बड़े देखते हैं लेकिन मात्र 10 प्रतिशत लोग ही उसकी कीमत चुकाने को तैयार होते हैं ! 
( Ex . – बनना तो कलेक्टर ही है पर 8 घंटे सोना नहीं छोड़ सकते ….और न ही 8 घंटे पढ़ने में मन लग सकता …तो भाई इंतजार करो शायद कोई बाबा किसी घुंटी का अविष्कार कर दे …जो आपको सीधे मसूरी भेज दे )
(6) आखिर क्यों हम हर काम या नयी शुरुआत को कल पर टाल देते हैं ….और वो भी इतने यकीन के साथ जैसे हम कल का दिन देखने ही वाले हों !

(7) आखिर क्यों हम अपनी नाकामी का सेहरा हमेशा दूसरों के सर पर मढ़ देते हैं ….. असल में उनका हम कुछ नहीं बिगाड़ते …अपने साथ ही सबसे बड़ा धोखा करते हैं .!!

(8) आखिर क्यों अपने ही मष्तिष्क पर हमारा नियंत्रण नहीं रह पाता….हम जानते हैं कि इस समय ये चीजें हमारे लिए बुरी हैं पर फिर भी हम कर डालते हैं …और बाद में खुद को समझा देते हैं कि आगे से ऐसा नहीं होगा और फिर अगली बार होता है …और फिर से आप यही लाइन दोहरा लेते हैं !

(9) आखिर क्यों हम अपने समय की कीमत नहीं समझ पाते.. और उसे यूँ बर्बाद करते हैं जैसे ऊपर वाले के साथ 500 साल का एग्रीमेंट करके आये हो …..जरा सोच लो अगर अगले ही पल आपके सामने मौत खड़ी हो ..तो क्या छोड़ कर जा रहे हो यहाँ जिससे लोग आपको याद रखें ..”” कुछ नहीं किया अब तक मेरे भाई ..मत सोच इतना “” ?

(10) आखिर क्यों हम हम हर दिन कुछ नया पढ़ते हैं …जैसे फेसबुक में में ही कोई नया मोटिवेशनल थॉट ही लेलो ” …….और उसके नीचे ” wavvv ” का कमेंट भी कर देते हैं …. जरा सोचो कि कितनी बार अपने ऐसा किया ? …शायद सैकड़ों बार …..पर उसमें से कितनी लाइन्स को खुद की जिंदगी पर लागू किया ..? ..अगर एक लाइन भी लागू कर देते मेरे भाई तो आपकी जिंदगी उसी वक़्त बदल जाती ….!!

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